tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post3424944502471312332..comments2023-12-02T14:56:14.755+05:30Comments on नारी , NAARI: अनदेखा उत्पीडन!रेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-4194925243151489882017-06-16T00:03:55.690+05:302017-06-16T00:03:55.690+05:30औरतों के बारे मे पहले औरत को ही समझना पडेगा औरत सम...औरतों के बारे मे पहले औरत को ही समझना पडेगा औरत समाज की स्थापना करती है।और बहुत कम पुरुष ऐसे होंगे जो खुद पुरुष प्रधान समाज का हिस्सा नहीं होगे और औरत की तुलना पुरुषों से अधिक मानते है।औरत ईश्वर के बाद इस ससांर की निम्राता है पुरुष को बनाने वाली औरत है।इसलिए उसकोो सममान दोgunjan baishttps://www.blogger.com/profile/17748283888112549780noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-57030155597202337692008-11-10T10:51:00.000+05:302008-11-10T10:51:00.000+05:30मीनाजी, आपकी पंक्तियाँ बहुत ही मार्मिक...मीनाजी, <BR/> आपकी पंक्तियाँ बहुत ही मार्मिक हैं लेकिन पता नहीं क्यों ये लड़के वाले क्या सोचते हैं कि वेे जो लड़की ब्याह कर लाये हैं, वह संवेदनाविहीन एक चलती फिरती मशीन है. अपने पैसे के बल पर कुछ भी खरीद सकते हैं. <BR/> माँ-बाप क्या करें , समाज उन्हें जीने नहीं देता है और समाज बनता किससे से है हमसे ही न.<BR/>फिर किसे दोष दें?रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-41087566966431263602008-11-09T19:12:00.000+05:302008-11-09T19:12:00.000+05:30आज आवश्यकता है हमें अपना दृष्टिकोण बदलने की. हम अप...आज आवश्यकता है हमें अपना दृष्टिकोण बदलने की. हम अपनी दृष्टि को बदलें, सोच को बदलें. तभी समाज में फैली बुराइयाँ समाप्त होंगी और हम सम्मान से जी सकेंगे. सबसे पहले हम महिलाओं के एसे दृष्टिकोण को बदलें जो अपनी ही जाति पर अत्याचार कर रही हैं. इस संसार में अकेली रम्या ही नहीं,और भी अनेक रम्या हैं, जो समाज में बाहर से तो सुखी दिखाई देती हैं, लेकिन अंदर से टूट चुकी होती हैं. इस टूटन को हमें पहचानना है और इसके दोषी लोगों को दंडित करने के लिए आगे आना है. इसमें जितनी ग़लती रम्या की जिठानी, सास,और ननद की है, उतनी ही रम्या के माता-पिता की भी है कि उन्होंने बिना सोचे-समझे, बिना बिटिया की इच्छा को जाने ऐसे घर में शादी करदी., जहाँ वह मात्र घर की चौकीदार बनकर रह गई है.<BR/>जब तक हमारे मन से धन की लालसा समाप्त नहीं होगी,तब तक इसी तरह उत्पीड़न सहती रहेगी नारी. अतः हमें समाज को अपना नजरिया बदलने के लिए प्रेरित करना होगा ! इसलिए मैं कहना चाहूँगी-- <BR/> सोच को दायरा कुछ नया और दे <BR/> इस अँधेरे को मन का दिया और दे <BR/> धन के लोभी से यह बात पूछे कोई<BR/> दान दी जिसने बेटी वो क्या और दे !<BR/><BR/>डॉ. मीना अग्रवालडा.मीना अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/10411559782145200692noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-12623095558085287582008-11-09T14:48:00.000+05:302008-11-09T14:48:00.000+05:30@क्या कोई क़ानून उन्हें उनके इस मानसिक उत्पीडन से ...@क्या कोई क़ानून उन्हें उनके इस मानसिक उत्पीडन से निजात दिलवा सकता है या इसको क्या नाम दिया जाय। एक सामान्य नारी जीवन में इसे सुखी जीवन तो नहीं कह सकती है।<BR/><BR/>बाद की बात पहले - नहीं इसे सुखी जीवन किसी रूप में भी नहीं कहा जा सकता. <BR/><BR/>कानून तो बहुत हैं. नारी अधिकार आयोग भी हैं. पर यह स्वयं में कुछ नहीं कर सकते. कुछ दिन पहले मैंने टीवी पर देखा कि एक व्यक्ति संजय दत्त से शिकायत कर रहा है कि उसकी पत्नी ने उसे थप्पड़ मारा और अब वह उसे तलाक देना चाहता है. यह सुनकर संजय ने भी उसे थप्पड़ मार दिया. इस पर वह व्यक्ति बोला, 'सोरी भाई'. संजय ने गुस्से में कहा, मैंने मारा तो 'सोरी भाई' और बीबी ने मारा तो तलाक. शायद यह थप्पड़ नारी को उसके इस मानसिक उत्पीडन से निजात दिलवा सकता है.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/10037139497461799634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-26904221428507852252008-11-08T16:08:00.000+05:302008-11-08T16:08:00.000+05:30अच्छी तहरीर है...समाज में जागरूकता की ज़रूरत है......अच्छी तहरीर है...समाज में जागरूकता की ज़रूरत है...फ़िरदौस ख़ानhttps://www.blogger.com/profile/09716330130297518352noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-49305954354435397292008-11-07T21:45:00.000+05:302008-11-07T21:45:00.000+05:30satish ji yae post rekha ji ki haensatish ji yae post rekha ji ki haenAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-45976504812238939252008-11-07T21:42:00.000+05:302008-11-07T21:42:00.000+05:30very correct rachna jee !very correct rachna jee !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-18839897788481866082008-11-07T18:21:00.000+05:302008-11-07T18:21:00.000+05:30आज नारी अपने उत्पीडन के खिलाफ आवाज उठाती है, समाज ...आज नारी अपने उत्पीडन के खिलाफ आवाज उठाती है, समाज उसे कितना सम्मान देता है? <BR/>bilkul sahii kehaa apneyAnonymousnoreply@blogger.com