tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post2593401538273443841..comments2023-12-02T14:56:14.755+05:30Comments on नारी , NAARI: लड़कियों पर एसिड अटैक क्या कानून काफी है इसे रोकने के लिए ?रेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-48061219331659721412010-12-18T19:58:43.076+05:302010-12-18T19:58:43.076+05:30main to kahta hun ki hath ke badle hath, aankh ke ...main to kahta hun ki hath ke badle hath, aankh ke badle aankh, maut ke badle maut aur tejab ke badle tejab. jab is tarah ka kanoon ban jaaye to fir is tarah ka vichar kisi ke bhi man mein nahi aayega. .............. raja vikramaditya.Ramesh Chandrahttps://www.blogger.com/profile/15369855709989495627noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-47418660033701663022010-12-13T23:13:32.037+05:302010-12-13T23:13:32.037+05:30g n shaw, का कहना एक कटु सत्य है---लडके-लडकियों क...g n shaw, का कहना एक कटु सत्य है---लडके-लडकियों की अति स्वतन्त्रता, मिलना-जुलना, फ़्री-सेक्स, सेक्स एजूकशन, अति-भौतिकतावादी सन्स्क्रिति ही सब की जड है...आज भी.. मद्य युग में भी ...पुरा-युग मे भी... shyam guptahttps://www.blogger.com/profile/11911265893162938566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-50242173891301187642010-12-13T19:07:32.998+05:302010-12-13T19:07:32.998+05:30सरकार और संसद बेहिसाब कानून बनाए जाती है। उन कानून...सरकार और संसद बेहिसाब कानून बनाए जाती है। उन कानूनों को लागू कराने की व्यवस्था बिलकुल नहीं करती। अभी भी हमारा देश जरूरत की केवल 20% अदालतों और लगभग एक तिहाई पुलिस से काम चला रही है। पुलिस को कानून और व्यवस्था देखने से फुरसत नहीं है। अपराधों के अन्वेषण के लिए पृथक से एजेंसियों का अभाव है। <br />सरकारें कानून सिर्फ जनता के दबाव के कारण और दिखावे के लिए बनाती है। <br />फिर सामाजिक बदलाव सत्ता के माध्यम से नहीं आता। उस के लिए जनान्दोलन आवश्यक है। आज समाज सुधार के लिए कोई मजबूत आंदोलन देश में नहीं है। जैसे ब्रह्मसमाज और आर्यसमाज जैसे आंदोलन इतिहास में दिखाई देते हैं। पुराना सामाजिक ढाँचा लगभग बिखर चुका है। जो कुछ शेष है वह इस लिए कि नया सामाजिक ढाँचा आकार नहीं ले पा रहा है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-19067419086356388532010-12-11T22:40:13.076+05:302010-12-11T22:40:13.076+05:30@ संगीता जी ,राजन जी ,ममता जी ,जगदीश बाली जी ,arga...@ संगीता जी ,राजन जी ,ममता जी ,जगदीश बाली जी ,arganikbhagyoday जी <br /><br /> आप सभी का धन्यवाद <br /><br /><br />@ रचना जी <br /><br /> लड़कियों के लिए सुन्दर होना कतई जरुरी नहीं है | इसीलिए मैंने उन्हें सुन्दर बनाने के बजाये उनका पुराना चेहरा ही उन्हें वापस देने की बात की है | और लड़की परिवार की इज्जत है इस तरह की भावना कई पढ़े लिखे समझदार परिवारों से ख़त्म हो रहा है हमें प्रयास करना चाहिए की ऐसी परिवारों की संख्या बढ़ती रहे | समय लगेगा पर ये धीरे धीरे होगा जरुर |<br /><br /><br /> @ डॉ श्याम गुप्ता जी <br /><br /> जी हा सजा तो होनी ही चाहिए खुद मैंने भी इसके लिए उम्रकैद और फांसी की सजा की मांग की है | पर मेरा मानना है की सिर्फ सजा भर देने से अपराध नहीं ख़त्म होगा सजा देने के साथ ही कुछ ऐसे काम भी करने चाहिए कि अपराधी की मंसा ही क़ानूनी तौर पर पूरी ना हो तो अपराध पर लगाम लगा सकते है |<br /><br /><br />@ G.N. shaw जी <br /><br /> यही तो समस्या है जब लड़किया लड़को के इस तरह के प्रस्ताव ठुकरा देती है तभी इस तरह कि घटिया हरकत कि जाती है |anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-27713103950290807852010-12-11T21:57:14.512+05:302010-12-11T21:57:14.512+05:30अच्छा मुद्दा उठाया ! जारी रहे !अच्छा मुद्दा उठाया ! जारी रहे !JAGDISH BALIhttps://www.blogger.com/profile/12672029642353990072noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-74942007249073164572010-12-11T19:49:43.967+05:302010-12-11T19:49:43.967+05:30इस विषय पर आवाज़ उठाना अच्छा लगा।इस विषय पर आवाज़ उठाना अच्छा लगा।ममता त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/11493596033041375660noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-64824271335221636932010-12-11T19:29:54.937+05:302010-12-11T19:29:54.937+05:30mai Dr.shyam gupta ji ke bichar se sahamat hun.is ...mai Dr.shyam gupta ji ke bichar se sahamat hun.is prakar ke keso me saja ka prawadhan kathor honi chahie aur aaj - kal ladakiye , ladako se dosti kam kare ,to ye jyada tar safe rahega.G.N.SHAWhttps://www.blogger.com/profile/03835040561016332975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-28826454805584907322010-12-11T16:31:31.836+05:302010-12-11T16:31:31.836+05:30khud ko sabal banana hoga |samajik byawstha ko maj...khud ko sabal banana hoga |samajik byawstha ko majabut banana hoga ,aur aapsi talamel majabut sangathan ya priwar ya khandan ka nirman karana hoga ,jisase aapas me ekata ,bhaaichara , prem -sauhard ka watawaran nirmit ho , akela chalo , chhota priwar , swarth purn pariwar , apne matalab se matalab se kam nahi chalega ekjut hona hoga, aatm nirbhar , sabal , balshali priwar hi har jagah suraksha pradan kar sakata hai kamjoro ki duniyan me koi sunawaai nahi !| sarakar kahan kahan kis kis ki suraksha karegi?Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/12874930868572823189noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-5161671555438888662010-12-11T14:40:50.950+05:302010-12-11T14:40:50.950+05:30---हाथ पैर तोड देने पर पुनः ठीक होजाते हैं , तो क्...---हाथ पैर तोड देने पर पुनः ठीक होजाते हैं , तो क्या लोगों ने हाथ पैर तोडना बन्द कर दिया....वास्तव में यह सब सबक सिखाने की मानसिकता से होता है और एक बार क्रत्य होजाने पर उनका मकसद पूरा होगया फ़िर चेहरा ठीक भी होजाये तो क्या...आपराधिक मानसिकता पर ही कठोर हमला होना चाहिये--कठोरतम दन्ड(माफ़ी सहित-- पुराना जन्गली नियम आन्ख के बद्ले आन्ख शायद काम करे)<br />---हां सरकार का यह सामाजिक कर्तव्य है कि वह इस प्रकार की मांग ( चेहरे की प्लास्टिक सर्ज़री) पर निश्चित ही ध्यान दे और फ़न्ड आदि का व्यवधान न आने दे...<br />---रचना जी के प्रश्न समयोचित ही हैं। पर सौन्दर्य सामान्य मानव की जन्म-जात मानसिक-प्रव्रत्ति का सवाल है; कमाऊ-पूत--अर्थशास्त्र का प्रश्न--तभी तो आज कल के लडके ( मा_बाप भी)सुन्दर की बज़ाय कमाऊ बीवी पसन्द कर रहे हैं। और सुन्दर+कमाऊ = क्या कहने.. shyam guptahttps://www.blogger.com/profile/11911265893162938566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-29427587730581184002010-12-11T14:18:28.605+05:302010-12-11T14:18:28.605+05:30अच्छी पोस्टअच्छी पोस्टराजनhttps://www.blogger.com/profile/05766746760112251243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-79810466928987961842010-12-11T11:05:18.363+05:302010-12-11T11:05:18.363+05:30अंशुमाला
एक अच्छी और संतुलित पोस्ट । कुछ प्रश्न जि...अंशुमाला<br />एक अच्छी और संतुलित पोस्ट । कुछ प्रश्न जिनके उतर तुम्हरी पोस्ट मे आये प्रश्नों के भी हो सकते हैं<br />लड़कियों के लिये सुंदर होना / दिखना क्यूँ जरुरी हैं ?<br />लडकियां सुंदर और लडके कमाऊ सब को अच्छे लगते हैं उल्टा क्यूँ नहीं ?<br />लडकियां जो कोमल ना हो वो लडकी नहीं किस किस मन मे ये नहीं आता ?<br />और एसिड अटैक केवल लड़की से बदला लाने के लिये नहीं अपितु कई बार परिवार से बदला लेने के लिये भी होता हैं अब प्रश्न लड़की परिवार कि इज्ज़त ये कब ख़तम होगा ?रचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-15873221828874914712010-12-11T10:32:32.408+05:302010-12-11T10:32:32.408+05:30तेजाब फेंकने की घटना पर बहुत संतुलित आलेख .. जब अप...तेजाब फेंकने की घटना पर बहुत संतुलित आलेख .. जब अपराधियों के इरादे ही पूरे न हो .. तो अपराध की संख्या में कमी आती ही है !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.com