tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post2299409058422430326..comments2023-12-02T14:56:14.755+05:30Comments on नारी , NAARI: चिंतनरेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-82873411186270517562010-12-28T20:08:33.378+05:302010-12-28T20:08:33.378+05:30और मेरे माता-पिता कई बार मुझे उलाहना दे चुके हैं क...और मेरे माता-पिता कई बार मुझे उलाहना दे चुके हैं कि हमारी संपत्ति को तुम ऐसे ट्रीट करते हो जैसे ये तुम्हारा नहीं है..<br />मतलब कुल मिला कर पूरे समाज के नजरिये को ही बदलना होगा..PDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-53816943160160767392010-12-24T00:35:31.918+05:302010-12-24T00:35:31.918+05:30आपकी बात सही या गलत के लिहाज से नहीं बस एक जरूरत क...आपकी बात सही या गलत के लिहाज से नहीं बस एक जरूरत के हिसाब से कहने आये हैं. हो सकता है कि सम्बंधित व्यक्ति के बेटा होता तो भी ये सब होता. क्या होता क्या न होता ये सब समय की बात है पर एक बात से कोई भी इंकार नहीं कर सकता है कि आज भी समाज में एक माध्यम वर्ग के व्यक्ति को बेटे का बहुत सहारा होता है.<br />हमने अभी कुछ माह पहले अनुभव किया था कि हमारे एक परिचित के घर में शादी थी और उनके कोई लड़का नहीं था. कई बार रात में अथवा किसी काम के लिए हम भाइयों को, अथवा हम मित्रों को उनकी मदद के लिए जाना पड़ता था.<br />शादी के अलावा भी कई काम जो लड़कियां कर भी सकतीं हैं इसके बाद भी लगता है लड़कों के द्वारा ही सही है, मसलन-- टेंट हॉउस से भट्टी को उठा कर लाना, फर्श-कुर्सियां-मेजें-जेनरेटर आदि की व्यवस्था करना, खींच कर लाना...........<br />बहरहाल, लड़का हो या लड़की........शाह जी ने जो घटना दिखाई है वो मानसिकता के कारण है. हमने कई परिवार ऐसे भी देखे हैं जहाँ लड़के अपने पिता और माता पर अच्छा खासा जुल्म करते हैं.<br /><b>जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड</b>राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगरhttps://www.blogger.com/profile/16515288486352839137noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-1183022859903631952010-12-24T00:15:17.095+05:302010-12-24T00:15:17.095+05:30विचारणीय बात है.विचारणीय बात है.muktihttps://www.blogger.com/profile/17129445463729732724noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-82800402779352984492010-12-23T22:29:50.428+05:302010-12-23T22:29:50.428+05:30आम आदमी फिर भी झेल लेगा, नेता क्या करेंगे.आम आदमी फिर भी झेल लेगा, नेता क्या करेंगे.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-4786279210866745422010-12-23T22:25:36.775+05:302010-12-23T22:25:36.775+05:30निजि संपत्ति के अधिकार को क्यों न सीमित किया जाए?निजि संपत्ति के अधिकार को क्यों न सीमित किया जाए?दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-9434583844442536182010-12-23T16:45:38.657+05:302010-12-23T16:45:38.657+05:30एक कहावत है की
पूत सपूत तो क्यों धन संचय और पूत क...एक कहावत है की<br /><br />पूत सपूत तो क्यों धन संचय और पूत कपूत तो क्यों धन संचय |<br /><br />हा जब बेटे बेटी ऐसे होंगे तो धन संचय करना ही पड़ेगा उनके लिए नहीं अपने लिए अपने बुढ़ापे के लिए |anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-10949536072664218612010-12-23T12:00:54.480+05:302010-12-23T12:00:54.480+05:30बहुत अच्छा लेख कुछ सोचने को मजबूर करता हुआ ..........बहुत अच्छा लेख कुछ सोचने को मजबूर करता हुआ ........वाकई मे हमारा जीने का दायरा बहुत संकीर्ण है उसे बड़ा करने की जरुरत है ..मंजुलाhttps://www.blogger.com/profile/10884573161296513745noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-44200187530195090672010-12-23T11:05:11.872+05:302010-12-23T11:05:11.872+05:30.
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रचना जी,
सही हैं आप... येन केन प्रकारेण अधि....<br />.<br />.<br />रचना जी,<br /><br />सही हैं आप... येन केन प्रकारेण अधिकाधिक धन संग्रहण करने की लोलुपता ही इन सारे मामलों के पीछे है... कहाँ जायें बेचारे ये बुजुर्ग ?<br /><br /><br />...प्रवीण https://www.blogger.com/profile/14904134587958367033noreply@blogger.com