tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post2169808269117875035..comments2023-12-02T14:56:14.755+05:30Comments on नारी , NAARI: कलयुग में अब तक रावण-दहन नहीं हुआ .........रेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-54969060220095661722012-10-30T17:51:06.587+05:302012-10-30T17:51:06.587+05:30चाहे राम विभीषण काली दुर्गा कोई भी आ जाए ये केवल क...चाहे राम विभीषण काली दुर्गा कोई भी आ जाए ये केवल किसी राक्षस को ही खत्म कर सकते हैं लेकिन उस महिला विरोधी राक्षसी मानसिकता को ये भी खत्म नहीं कर सकते।ये काम तो केवल नारी ही कर सकती है और वही करेगी भी।राजनhttps://www.blogger.com/profile/05766746760112251243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-63833749949086867322012-10-26T09:30:11.958+05:302012-10-26T09:30:11.958+05:30Rachan ji,
mujhe nahi maloom tha ye post aapki nah...Rachan ji,<br />mujhe nahi maloom tha ye post aapki nahi hai...<br />agar ye 20 varsheey aalokita ke hain to nisandeh prashansneey hai..kyumki itni paripakw soch bade bade vidwaanon ki bhi nahi hoti..<br />BRAVO Alokita !स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-38008033389510167192012-10-26T08:16:37.916+05:302012-10-26T08:16:37.916+05:30अदा जी ये पोस्ट अलोकिता की हैं जो नारी ब्लॉग की उम...अदा जी ये पोस्ट अलोकिता की हैं जो नारी ब्लॉग की उम्र में सब से छोटी और सोच में बहुत बड़ी सदस्या हैं <br />ज़रा फिर पढिये एक २० साल से कम आयु की बिटिया के विचार और तारीफ़ करिये क्यूँ करेगी ना रचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-60914050238574924642012-10-25T18:53:24.846+05:302012-10-25T18:53:24.846+05:30रचना जी,
सही प्रश्न उठाया है आपने ...
हमारी संस्कृ...रचना जी,<br />सही प्रश्न उठाया है आपने ...<br />हमारी संस्कृति बस प्रतीकों पर यकीन करती है। फिर चाहे वो सिन्दूर हो, मंगलसूत्र हो या रावण।<br />दशहरे में माँ दुर्गा की प्रतिमा क्यूँ बिठायी जाती है, आज तक नहीं समझ पायी हूँ, और जितनी श्रद्धा उस मिटटी की मूर्ती को दी जाती है, उसका अंशमात्र सम्मान भी रास्ते या घर पर बैठी देवीरूपा को नहीं मिलता। <br />उसी महिषासुर मर्दिनी की प्रतिमा के नीचे बैठे अनगिनत तथाकथित भक्तों की लोलुप नज़रें बस पहले मौके की तलाश में होतीं हैं। <br />निदान सिर्फ एक है, दुर्गा बनना होगा, काली बनना होगा, अपने लिए और अपनी बहु बेटियों के लिए। कोई राम नहीं आयेंगे, न कोई विभीषण, खुद ही रणचंडी बनना होगा ....यही एक मात्र उपाय है।स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-35414042480544415772012-10-25T18:37:26.456+05:302012-10-25T18:37:26.456+05:30घोर अनैतिक लोगों से नैतिकता की उम्मीद!घोर अनैतिक लोगों से नैतिकता की उम्मीद!भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-11601634621340354492012-10-25T15:08:01.100+05:302012-10-25T15:08:01.100+05:30दशहरे के आने और जाने से रावण का अंत होने लगा तो फ...दशहरे के आने और जाने से रावण का अंत होने लगा तो फिर अब ये समाज रामराज में जी रहा होता . हम सबमें एक न एक रावण (बुराई ) पल रहा है . हमें उस पर विजय पाने का संकल्प लेकर उसे मिटाने का काम करना होगा तो हम सब राम और हनुमान जैसे काम कर सकेंगे .<br />रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-72348024843230334882012-10-25T14:34:01.078+05:302012-10-25T14:34:01.078+05:30 राम और विभीषण हनुमान किसी का भी इंतज़ार क्यों किया... राम और विभीषण हनुमान किसी का भी इंतज़ार क्यों किया जाये क्यों न हर नारी को इतना शसक्त बनाये की समाज के रावण से वो खुद ही मुकाबला कर सके , अपनी भी रक्षा करे और अपनी बहन बेटी का भी ।anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.com