tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post190239443242627303..comments2023-12-02T14:56:14.755+05:30Comments on नारी , NAARI: मज़हब बड़ा है या इंसानियत...?रेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-87714321408679535282010-03-27T08:39:19.505+05:302010-03-27T08:39:19.505+05:30जगत जननी नारी को अपमानित करना किसी भी धर्म में जाय...जगत जननी नारी को अपमानित करना किसी भी धर्म में जायज नहीं ठहराया जा सकता !और फिर इन बेतुके बयान देने वालों का तो कोई धर्म ही नहीं होता.. !अच्छा लेख!!!संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-21605773775987132182010-03-25T12:24:24.821+05:302010-03-25T12:24:24.821+05:30कुरआन और हदीस में तो चोरी की सजा हाँथ कट देना है औ...कुरआन और हदीस में तो चोरी की सजा हाँथ कट देना है और गुनाहों के लिए भी शरिया में कड़ी सजाएँ हैं. उनको लागू करने की बात मुस्लिमों के ठेकेदार क्यों नहीं करते. सब दकोसला और दोगलापन है औरत को गुलाम बनाये रखने के .कमसे कम भारत में इस्लाम औरतों के एकतरफा शोषण का औजार है और इसके खिलाफ मुस्लिम औरतों को ही आवाज़ मने रखेगी.<br />आपके लेख और हिम्मत को नमन !RAJ SINHhttps://www.blogger.com/profile/01159692936125427653noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-19142201805393671402010-03-25T10:12:14.887+05:302010-03-25T10:12:14.887+05:30firdaus
aap kaa nispaksh likhan bahut achcha lagt...firdaus <br />aap kaa nispaksh likhan bahut achcha lagtaa haen aur samantaa ki baat mae hi naari kaa bhala ahaen har dharm maeAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-21223848770850048902010-03-25T01:00:57.206+05:302010-03-25T01:00:57.206+05:30मैं आपकी बात से सहमत हूँ. मेरा ये मानना है कि हर य...मैं आपकी बात से सहमत हूँ. मेरा ये मानना है कि हर युग में, हर धर्म में और हर समाज में नारी को द्वितीयक स्थान दिया गया है. हिन्दू धर्म भी कोई अपवाद नहीं है. जिस मनुस्मृति में यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते वाला श्लोक है, उसी में औरतों के बारे में बहुत कुछ उल्टा-सीधा लिखा है. धर्म के ठेकेदारों ने उन्हीं बातों का फ़ायदा उठाकर औरतों को दबकर रखा है. किसी भी धर्म में औरतों को समान अधिकार नहीं दिये गये हैं और औरतें लड़ती रही हैं अपने अधिकारों के लिये, समाज में सम्मानजनक स्थिति पाने के लिये, अपने ऊपर होने वाले अत्याचारों से खुद को बचाने के लिये...हाँ, इतना ज़रूर है कि हिन्दू समाज सहिष्णु है, तो इसमें सुधार की गुंजाइश है, जो कि इस्लाम में नहीं है. मैं ये मानती हूँ कि सभी औरतों को पर्सनल ला जैसे कानूनों के खिलाफ़ खड़े होना चाहिये और समान अधिकारों की बात करनी चाहिये. तभी औरतों की स्थिति सुधर सकती है.muktihttps://www.blogger.com/profile/17129445463729732724noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-78727013394952082192010-03-25T00:26:01.708+05:302010-03-25T00:26:01.708+05:30फ़िरदौस जी, निश्चित रूप से इन्सान मज़हब के लिये नह...फ़िरदौस जी, निश्चित रूप से इन्सान मज़हब के लिये नहीं, वरन मज़हब इन्सान के लिये हैसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-27912823347975967612010-03-24T21:06:28.154+05:302010-03-24T21:06:28.154+05:30प्रिय फिरदौसजी,
*पथ में शूल न होते तो जीवन का आभास...प्रिय फिरदौसजी,<br />*पथ में शूल न होते तो जीवन का आभास न होता ,मंजिल-मंजिल रह जाती मानव का इतिहास न होता.*<br />कोई मजहब हो ,कोई धर्म हो चिंता करने की अब जरुरत नहीं है. <br />*जब हम बदलेंगे तो जमाना बदलेगा* .<br /> सही दिशा की जानकारी नहीं होने से अभी तक तो हम ही एक बंधी-बंधाई लीक ( arthodox ) पर बिना सोचे चलते रहे . <br />गलत बातों-लकीरों को भी अपना नसीब-भाग्य मानकर जीते रहे. <br />सिर्फ आवश्यकता है उचित व उच्च शिक्षा-जागरूकता की ताकि हर महिला शक्ति अपना आत्म-विश्वास जाग्रत कर अपने पर भरोसा कर सके.<br />याद है न ,<br />*तकदीर संवरती है उनकी जो खुद को संवारा करते हैं ,तूफां में हो जब किश्ती तो साहिल भी किनारा करते हैं.* <br /> अलका मधुसूदन पटेल <br />लेखिका +साहित्यकारGyaana-Alka Madhusoodan Patelhttps://www.blogger.com/profile/13177952733157767138noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-51666900114718183812010-03-24T20:17:06.954+05:302010-03-24T20:17:06.954+05:30कौन जवाब देगा आपके सही प्रश्नो का ?कौन जवाब देगा आपके सही प्रश्नो का ?डॉ महेश सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/18264755463280608959noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-64478228752329174552010-03-24T17:37:42.598+05:302010-03-24T17:37:42.598+05:30फ़िरदौस जी, निश्चित रूप से इन्सान मज़हब के लिये नह...फ़िरदौस जी, निश्चित रूप से इन्सान मज़हब के लिये नहीं, वरन मज़हब इन्सान के लिये है. लेकिन जबतक अपनी चीज़ को श्रेष्ठ समझने की सोच ज़िन्दा रहेगी, तब तक इसी प्रकार से मज़हबी झगड़े होते रहेंगे. जिस दिन हम सभी धर्मों के प्रति समान नज़रिया रखना सीख जायेंगे, ये झगड़े भी बन्द हो जायेंगे.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-61914468085357942992010-03-24T16:38:02.398+05:302010-03-24T16:38:02.398+05:30जगत जननी नारी को अपमानित करना किसी भी धर्म में जाय...जगत जननी नारी को अपमानित करना किसी भी धर्म में जायज नहीं ठहराया जा सकता !और फिर इन बेतुके बयान देने वालों का तो कोई धर्म ही नहीं होता.. !अच्छा लेख!!!RAJNISH PARIHARhttps://www.blogger.com/profile/07508458991873192568noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-6344637518748646892010-03-24T16:33:24.507+05:302010-03-24T16:33:24.507+05:30Aapne dharmo-mazahab par sawaal uthaaye, isi ki aa...Aapne dharmo-mazahab par sawaal uthaaye, isi ki aaj sabse zyada zarurat hai aur yahi sabse kam ho raha hai.<br />Shukriya.Sanjay Groverhttps://www.blogger.com/profile/14146082223750059136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-91763943808934333292010-03-24T16:14:20.632+05:302010-03-24T16:14:20.632+05:30धर्म और मजहब जैसे विषयों पर निष्पक्ष होकर लिखना सब...<i> <b> धर्म और मजहब जैसे विषयों पर निष्पक्ष होकर लिखना सबके बस की बात नहीं है ....आपने ये किया ..आपका आभार और शुक्रिया ... </b> </i><br /><a href="http://www.google.com/profiles/ajaykumarjha1973#about" rel="nofollow"> अजय कुमार झा </a>अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-91270964541047785382010-03-24T16:03:24.088+05:302010-03-24T16:03:24.088+05:30kash musalman apne quraan ko apna ideal bana lete....kash musalman apne quraan ko apna ideal bana lete.to kisi nagrez ko yeh nahin kahna padta ki islam to bahut achcha hai lekin uske mannewale waise nahin..शेरघाटीhttps://www.blogger.com/profile/12003123660549394986noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-44500325784038112782010-03-24T16:02:08.534+05:302010-03-24T16:02:08.534+05:30wajib sawal uthaya hai apne main khud in sab ko le...wajib sawal uthaya hai apne main khud in sab ko lekar pareshan raha hun.<br /><br />aao saathiyon comment karo apni bat rakho...<br /><br />shahrozशेरघाटीhttps://www.blogger.com/profile/12003123660549394986noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-87002957314182055162010-03-24T14:25:18.127+05:302010-03-24T14:25:18.127+05:30@फिरदौस इन मतलब परस्त लोगो का क्या जिक्र किया जाए ...@फिरदौस इन मतलब परस्त लोगो का क्या जिक्र किया जाए ,ये हर धर्म हर राज्य में मिल जायेंगे..अपनी सुविधा और अपना फायदा देखते है ..ये कुरआन और रामायण दोनों को अपने स्वार्थ के लिए प्रयोग करते है <br />अच्छा लेखsonalhttps://www.blogger.com/profile/03825288197884855464noreply@blogger.com