tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post1709710678541396472..comments2023-12-02T14:56:14.755+05:30Comments on नारी , NAARI: Better Safe Than Sorry अब भी चेत जाए रेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-51431494385698607392013-12-09T12:52:10.348+05:302013-12-09T12:52:10.348+05:30सही है। लेकिन आपकी पोस्ट का विषय यह नहीं था ।ना को...सही है। लेकिन आपकी पोस्ट का विषय यह नहीं था ।ना को हाँ समझ लेना एक बात है और ना को स्वीकार न करना दूसरी।मैं कह रहा हूँ कि यह सब पुरुषों की बहानेबाजी है कि वो लड़की की ना में हाँ छुपी होती है जैसे तो लड़कियाँ कभी ना करती ही नहीं जबकि सच्चाई उन्हें भी पता होती है।राजनhttps://www.blogger.com/profile/05766746760112251243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-44902686217810053132013-12-09T10:47:09.395+05:302013-12-09T10:47:09.395+05:30ना का बदला लेने के लिए फेंका जाता है न कि उससे हाँ...ना का बदला लेने के लिए फेंका जाता है न कि उससे हाँ करवाने के लिए<br /><br />BAAT WAHI HAEN KI NAA KO SWIKAAR NAHIN KIYAA GAYAA रचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-78080943955394399652013-12-08T16:13:40.538+05:302013-12-08T16:13:40.538+05:30jindgi shortcut se nahi chal sakti aur tuchche hat...jindgi shortcut se nahi chal sakti aur tuchche hathkandon ki bajay kuch aprtyasit maryadit aachran main rahkar kiya jayeRAJKUMAR RAGHAVhttps://www.blogger.com/profile/17699773608633896894noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-22254806257226984372013-12-06T19:52:08.022+05:302013-12-06T19:52:08.022+05:30नारी-उत्थान सामाजिक विकास का अनिवार्य अंग है |नारी-उत्थान सामाजिक विकास का अनिवार्य अंग है |देवदत्त प्रसूनhttps://www.blogger.com/profile/06275143755319297820noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-48531247766033305482013-12-04T13:47:46.651+05:302013-12-04T13:47:46.651+05:30"बैटर सेफ दैन सॉरी "
यह ड्राइविंग के लिए..."बैटर सेफ दैन सॉरी "<br />यह ड्राइविंग के लिए ठीक है...पर जब लोग लड़कियों को यह उपदेश देते हैं तो फिर वही एक्सप्लेन कर सकते हैं कि वे आखिर कहना क्या चाह रहे हैं ?? कैसे सेफ रहें लड्कियाँ कि वे बाद में सॉरी न फील करें ? पुरुषों के साथ काम न करें, लिफ्ट में न जाएँ, मॉडर्न कपड़े न पहनें..उनकी छाया से भी दूर रहें.?..पर यह आज के बदलते युग में संभव है? मैंने और जगह भी कहा है, लडकियां तो बदल रही हैं...अब पुरुषों को अपनी मानसिकता बदलनी है...अपने नजरियेमें परिवर्तन लाना है. rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-70787803348632354262013-12-04T13:36:57.139+05:302013-12-04T13:36:57.139+05:30इन मामलो से जुड़े एक जोक को सुना " अग्रिम जमान... इन मामलो से जुड़े एक जोक को सुना " अग्रिम जमानत चाहिए महिला सेकेट्री रखी है " ये जोक नहीं है ये दिखा रहा है कि लोगो में चेतना या डर आई है की अब कोई भी लड़की चुप नहीं रहने वाली है , इसलिए जरा संभल कर । इस तरह के जोक ही आगे चल कर हर आफिस में सी सी टीवी लगाने जैसे उपाय को मजबूर करेंगे ( स्त्री नहीं पुरुष की सुरक्षा की सोच के साथ ) ताकि कोई भी किसी के बारे में गलत न कह सके । anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-31810142160489408162013-12-03T21:50:49.039+05:302013-12-03T21:50:49.039+05:30.
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आशाराम व तरूण तेजपाल ने गल्तियाँ की हैं और स....<br />.<br />.<br />आशाराम व तरूण तेजपाल ने गल्तियाँ की हैं और सजा भी मिलकर रहेगी उनको... पीड़िताओं का साहस अनुकरणीय है, अगर हर कोई पीड़ित इसी तरह की हिम्मत दिखाये तो स्थितियाँ तेजी से बदलेंगी...<br /><br /><br />...प्रवीण https://www.blogger.com/profile/14904134587958367033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-91172049367012916122013-12-03T19:11:53.126+05:302013-12-03T19:11:53.126+05:30अच्छा विषय है !अच्छा विषय है !देवदत्त प्रसूनhttps://www.blogger.com/profile/06275143755319297820noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-58781423086884874422013-12-03T18:07:38.384+05:302013-12-03T18:07:38.384+05:30no has to be not JUST perceived as no, but also ma...no has to be not JUST perceived as no, but also many many people have to LEARN TO TAKE A NO for an answer without taking it as a barb on their inflated ego..... these stupid people not only cause pain and suffering to the lady concerned but also to the whole environment around them ...Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-5633043366628538682013-12-03T17:34:54.390+05:302013-12-03T17:34:54.390+05:30एक सकारात्मक बदलाव आ रहा है समाज में , जब पुरुषों ...एक सकारात्मक बदलाव आ रहा है समाज में , जब पुरुषों को भी चेताया जा रहा है … वर्ना अब तक सारी जिम्मेदारियां स्त्रियों की ही मानी जाती रही है !<br />मुस्कुराने या ना का मतलब हाँ समझने के दिन अब लद गए !!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-58493706355738310602013-12-03T15:57:29.089+05:302013-12-03T15:57:29.089+05:30रचना जी मेरे ख्याल से दोनों बातें अलग अलग हैं।तेजा...रचना जी मेरे ख्याल से दोनों बातें अलग अलग हैं।तेजाब लडकी की ना का बदला लेने के लिए फेंका जाता है न कि उससे हाँ करवाने के लिए।बाकी जो आपने कहा उससे बिल्कुल सहमत हूँ।राजनhttps://www.blogger.com/profile/05766746760112251243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-81129577665093831762013-12-03T15:40:04.095+05:302013-12-03T15:40:04.095+05:30राजन
तमाम किस्से रोज अखबार में आते हैं जहां लड़की क...राजन<br />तमाम किस्से रोज अखबार में आते हैं जहां लड़की कि ना को ना मान कर उस पर तेजाब फेका जाता हैं , गोली मार दी जाती हैं , बलात्कार किया जाता हैं<br />जब तक हम सब मज़ाक में भी इन बातो को कहते रहेगे , स्त्री को कमतर आंक कर उस पर तंज कसेंगे , स्त्री और ख़ास कर पत्नी के ऊपर बकवास जोक और कविता लिखेगे तब तक हम उसकी ना को ना नहीं समझते हैं रचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-60362249283486012972013-12-03T15:27:30.934+05:302013-12-03T15:27:30.934+05:30मुझे अच्छी तरह याद है बल्कि पता था कि आप मेरी टिप्...मुझे अच्छी तरह याद है बल्कि पता था कि आप मेरी टिप्पणी के जवाब में उनकी बात जरूर याद दिलाएंगी।आपको क्या लगता है क्या प्रवीण जी खुद इस बात में विश्वास करते होंगे?वो बहस को उनकी तरफ से थोड़ा आगे बढ़ाने के लिए दिया गया तर्क भर था।जरा सोचिए यदि पुरुष इस बात मेँक ही मानते तो फिर छेडछाड भी क्यों करते सीधा प्रपोज ही न कर देते ?लेकिन ये वहीं किया जाता है जहाँ लड़के को भी विश्वास हो कि सामने वाली के मन में भी उसके लिए कुछ कुछ है भले शरमा रही हो ये सब समझना कोई मुश्किल काम नहीं न लड़के के लिए न लड़की के लिए।वर्ना कौन पुरुष महिला के स्वभाव को लेकर अंजान होगा ।प्रवीण जी ने महिला के रुप से सम्मोहित होने की बात की तो मैंने भी पूछा कि यदि ऐसा है तो आप जाकर प्रपोज ही क्यों नहीं कर देते लेकिन मुझे पता है प्रवीण जी ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि उन्हें भी प्रतिक्रिया का अंदाजा है और वे भी महिलाओं के स्वभाव को अच्छी तरह समझते हैं और ऐसा करने को गलत भी मानते हैं :)राजनhttps://www.blogger.com/profile/05766746760112251243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-13061484612792597012013-12-03T15:08:39.560+05:302013-12-03T15:08:39.560+05:30http://indianwomanhasarrived.blogspot.com/2013/03/...http://indianwomanhasarrived.blogspot.com/2013/03/blog-post_21.html?showComment=1363884861277#c2542848583945995408रचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-51524390359101285162013-12-03T14:24:48.958+05:302013-12-03T14:24:48.958+05:30आपको क्यों लगता है कि वो ना को हाँ मानते हैं?ये सब...आपको क्यों लगता है कि वो ना को हाँ मानते हैं?ये सब पुरुषों की बहानेबाजी है अपने को थोड़ा कम कसूरवार और भोला दिखाने के लिए।तभी परिस्थिति का गलत आकलन जैसे शब्द काम में लिए जाते हैं।पत्रकार का तर्क बहुत पसंद आया।राजनhttps://www.blogger.com/profile/05766746760112251243noreply@blogger.com