tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post1065714701149974397..comments2023-12-02T14:56:14.755+05:30Comments on नारी , NAARI: इस उड़ान को अब रोकना संभव नहीं हैं .रेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-43148859903145613352012-05-11T08:15:26.334+05:302012-05-11T08:15:26.334+05:30Jo rokega, wo khud ruk jayega...yeh sochkar zindag...Jo rokega, wo khud ruk jayega...yeh sochkar zindagi jeena sikh le warna rukne ki taiyari kar len. <br /><br />Banki women virodhiyon se to ham nipat hi lenge:-)रेवा स्मृति (Rewa)https://www.blogger.com/profile/13005191329618003468noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-57801224824442533272012-05-07T07:30:56.666+05:302012-05-07T07:30:56.666+05:30मैं भी तो यही कहती हूँ , लड़कियां बदल रही हैं तेजी...मैं भी तो यही कहती हूँ , लड़कियां बदल रही हैं तेजी से ...<br />पुरुषों को भी बदलना होगा , उसे देह से अलग हटकर देखना ही होगा !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-76560441098698207142012-05-06T17:40:26.052+05:302012-05-06T17:40:26.052+05:30:)
मुझे ऐसा लगता है कि आपकी टिपण्णी इस आरक्षण को ...:)<br /><br />मुझे ऐसा लगता है कि आपकी टिपण्णी इस आरक्षण को भी सपोर्ट नहीं कर रही, उस आरक्षण को भी नहीं | आप सिर्फ एक बात कह रहे हैं कि यदि यह गलत है तो वह भी, और यदि यह सही है तो वह भी [ शायद आप यह कह रहे हैं - मेरी अल्प बुद्धि से तो मुझे बस इतना ही समझ में आया :) ]| इसीलिए मैंने कहा की आरक्षण कब काम कर सकता है और कब नहीं :) <br /><br />आप की उस पोस्ट पर मैं उस बिल पर अपने विचार रख ही चुकी हूँ | खोज रही हूँ वह लेख - मिल नहीं रहा :( | वैसे ही काफी तमगे मिल रहे हैं मुझे महिला विरोधी होने के - तो अब यहाँ फिर क्या कहूं ..... |Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-59014416714969948682012-05-06T17:23:25.423+05:302012-05-06T17:23:25.423+05:30This comment has been removed by the author.Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-20119761447215490812012-05-06T15:47:06.803+05:302012-05-06T15:47:06.803+05:30.
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शिल्पा जी,
न जाने क्यों मुझे लग रहा है कि आ....<br />.<br />.<br />शिल्पा जी,<br /><br />न जाने क्यों मुझे लग रहा है कि आपको मेरी टिप्पणी को एक बार फिर से पढ़ कुछ कहना चाहिये... :)<br /><br /><br /><br />...प्रवीण https://www.blogger.com/profile/14904134587958367033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-32802309942337328142012-05-06T11:24:13.648+05:302012-05-06T11:24:13.648+05:30मुझे याद पड़ता है कि आपके ब्लॉग पर महिला आरक्षण बि...मुझे याद पड़ता है कि आपके ब्लॉग पर महिला आरक्षण बिल के ठण्डे बसते में जाने पर चिंता व्यक्त करता हुआ एक लेख पढ़ा था .... :) <br /><br />वैसे मैं इस बारे में बहुत कुछ लिख सकती हूँ, किन्तु आप अक्सर टिपण्णी लिख कर उसका उत्तर देखने नहीं आते, और वैसे भी मुझ पर टिप्पणियों में बहस करने के काफी इलज़ाम लग रहे हैं | आपके लिए तो नहीं, किन्तु दूसरे लोगों के लिए अवश्य लिखूंगी आपकी इस टिपण्णी पर अपना प्रत्युतर :)<br /><br />१. आरक्षण तब ही काम आता है जब जिसके लिए आरक्षण किया जा रहा हो वह <b>सामाजिक वजहों से, मौके न दिए जाने से पिछड़ रहा हो, न कि अपनी खुद की मेहनत की कमी के कारण पीछे हो </b> - पढ़ाई और नंबरों के बारे में ऐसा नहीं है , जबकि लोकसभा अदि में जाने के लिए ऐसा है | <br /><br />२. आरक्षण सिर्फ तब तक ही वाजिब है - जब तक पिछड़े हुए वर्ग को आगे आने के समुचित मौके नहीं मिल जाते | उसके बाद भी आरक्षण को जारी रखना नाइंसाफी है दूसरे वर्ग के साथ | उसी तरह - समय से पहले ही आरक्षण बंद कर देना पहले वर्ग के साथ नाइंसाफी है |<br /><br />३. आरक्षण की सबसे बड़ी समस्या यह है - कि <b>जिस पिछड़े हुए वर्ग के लिए इसे लाया गया हो - उसके सब सदस्य इसका फायदा नहीं ले पाते </b> | उनमे से कुछ लोग इससे लाभान्वित हो कर अभिजात्य वर्ग में आ जाते हैं -- फिर उन्ही की पीढियां इसका फायदा लेती रहती हैं, और उसी वर्ग के दूसरे पीड़ित - इसके बारे में जानकारी / मौके के अभाव से पिछड़े ही रह जाते हैं | जो फायदा ले लेते हैं - वे इसे ढाल के बजाय तलवार के रूप में इस्तेमाल करने लगते हैं और दूसरे ऐसे लोग जिन्होंने कोई पीडन न किया हो - उन पर भी "पीडक" का और खुद को "पीड़ित" दिखने का और सामाजिक सहानुभूति पाने का प्रयास करने लगते हैं | न सिर्फ प्रयास ही करते हैं, बल्कि इस प्रयास में अक्सर सफल भी होते हैं, क्योंकि अक्सर हम उतना ही देखते हैं जितना हमें दिखाया जाए - गहराई में जाने की जहमत हम मोल नहीं लेते | <br /><br />यह सब जगह हो रहा है | सिर्फ भारत में ही नहीं - सारे संसार में | यह शायद बेसिक ह्युमन नेचर है कि हम सिर्फ अपने निज स्वार्थ के आगे कुछ देख सोच ही नहीं पाते |<br /><br />@ rote learning - it applies to all candidates - not just to girls or boys - undoubtedly our education system needs a lot of reforms ..... but that is not the topic here - some other time may be .....Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-43540519864145074092012-05-06T01:44:03.843+05:302012-05-06T01:44:03.843+05:30.
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रचना जी,
मेरे विचार में तो प्रधानाचार्य वाल....<br />.<br />.<br />रचना जी,<br /><br />मेरे विचार में तो प्रधानाचार्य वाल्सन थंपू का यह प्रस्ताव सही है और उन सभी को, जो संसद के भीतर महिलाओं के लिये ३३ प्रतिशत व ग्राम पंचायतों में ५० प्रतिशत आरक्षण के समर्थक हैं, इसका भी समर्थन करना चाहिये... रही बात इमतिहानों में टॉप करने की, तो हमारी शिक्षा पद्धति व अधिकतर इम्तिहान भी Rote Learning की तरफ Biased हैं और लड़कियाँ इसमें लड़कों से बेहतर होती हैं... वैसे हमारे IIM's व IIT's में लड़कियों का प्रतिशत कितना है... और कब कोई महिला विश्व ओपन शतरंज चैंपियन बनेगी... :)<br /><br /><br /><br />...प्रवीण https://www.blogger.com/profile/14904134587958367033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-73056593112839966602012-05-05T16:21:56.746+05:302012-05-05T16:21:56.746+05:30प्रधानाचार्य के अन्दर बढती असुरक्षा देखकर ये एहसास...प्रधानाचार्य के अन्दर बढती असुरक्षा देखकर ये एहसास हुआ की वाकई स्त्री, विजय पथ पर अग्रसर है। बधाई समस्त स्त्रियों को !ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-52528211734370038832012-05-05T15:27:51.694+05:302012-05-05T15:27:51.694+05:30कब तक कर सकेगे ? २ साल से टॉप पर आईएस मे लडकियां ह...कब तक कर सकेगे ? २ साल से टॉप पर आईएस मे लडकियां हैं . सिस्टम बदल देगे धीरे धीरे वो जैसे जी टीवी पर पतंग उडाती लडकिया आती हैं लिंक खोजती हूँरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-34457727497808479362012-05-05T15:22:05.078+05:302012-05-05T15:22:05.078+05:30is that true ? cutoff difference ?is that true ? cutoff difference ?Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-63798913766505680642012-05-05T15:20:48.301+05:302012-05-05T15:20:48.301+05:30सौदी अरब में भी ६० प्रतिशत से अधिक उच्च शिक्षा की ...सौदी अरब में भी ६० प्रतिशत से अधिक उच्च शिक्षा की छात्र महिलाएं ही हैं. <br />और बंगलौर के कई कॉलेज में लडको के लिए कट ऑफ लड़कियों से कम हैं, क्योंकि लड़कियां हर साल ज्यादा अंक ला रही हैं, इससे बहुत सी कम आय वाले वर्गों की छात्राओं को शायद दाखिला न मिल पता हो, चाहे उन्होंने घर का काम करते करते, सड़क पर यौन शोषण झेलते झेलते लड़कों से अधिक अंक पाए हों.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-20248863925573923122012-05-05T15:01:04.374+05:302012-05-05T15:01:04.374+05:30agree - he should not be the principal with that k...agree - he should not be the principal with that kind of thought processShilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-61297804724029098702012-05-05T14:23:49.685+05:302012-05-05T14:23:49.685+05:30Who made him principal ? What a stupid idea!Who made him principal ? What a stupid idea!Ashish Shrivastavahttps://www.blogger.com/profile/02400609284791502799noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-38211726917733356252012-05-05T11:32:34.251+05:302012-05-05T11:32:34.251+05:30@ कब तक हम अबला का टैग लेकर आंसू बहाते रहेगे और चा...@ कब तक हम अबला का टैग लेकर आंसू बहाते रहेगे और चाहते रहेगे की क़ोई हमारे लिये रास्ते खोलता रहे . <br /><br />correct - aansoo bahaane se kuchh nahi hoga - sirf diikhave bhar kee kavitayein likhne se kuchh nahi hoga. we have to do our part not just act that we are doing something....Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-46570645340900884182012-05-05T10:51:15.044+05:302012-05-05T10:51:15.044+05:30सचमुच लडकियों ने अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए स...सचमुच लडकियों ने अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए सभी विकल्पों पर विचार करना और उन्हें अपनाना शुरु कर दिया हैं.इसमें उन्हें सफलता भी मिल रही हैं.<br />पोस्ट में एक बात से मैं बिल्कुल असहमत हूँ कि पहले महिलाओं पास प्रेरणा लेने के लिए कहानियाँ नहीं थी.ये सच नहीं हैं.इतिहास सफल और जुझारू महिलाओं से भरा पडा हैं,महिलाएँ शुरु से हिम्मत करती रही हैं बस आज प्राचार ज्यादा हो रहा हैं और थोडे प्रतिमान बदल गये हैं.आप अपनी इस बात पर दुबारा विचार करें.राजनhttps://www.blogger.com/profile/05766746760112251243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-87138881293759162662012-05-05T10:26:41.100+05:302012-05-05T10:26:41.100+05:30काश की दहेज के मामले में भी ऐसा हो...काश की दहेज के मामले में भी ऐसा हो...Arun sathihttps://www.blogger.com/profile/08551872569072589867noreply@blogger.com